हम सभी लोग एक समय के बाद पैसा कमाने के लिए काम करते है लेकिन क्या आपने कभी अपने कमाए हुए पैसो से काम करवाया है। जी हां, आपने बिलकुल सही पढ़ा। जैसे ही हम पैसा कामना शुरू करते है हम किसी न किसी एक लक्ष्य के लिए बचत करना भी शुरू कर देते है, लेकिन आपको लाकर या पर्स में रखे हुए पैसे खुद से नहीं बढ़ते। अगर आपको अपने बचाये हुए पैसो से और पैसे कमाने है तो उसके लिए कंपाउंडिंग को समझना होगा। अब ये कंपाउंडिंग क्या होता है और किस तरह से आपके पैसो को बढ़ाता है उसके लिए आइये इसकी विस्तार में जानकारी प्राप्त करें।
What is Compounding in Hindi?
आप कितने अमीर है उसके लिए आप कितना कमाते है वह नहीं बल्कि कितना बचाते है वह ज़रूरी होता है। लेकिन अपनी बचत को बढ़ाने के लिए आपको हर महीने एक निर्धारित राशि अपनी सेविंग में जोड़नी होती है। लेकिन अगर आप उसी बचत से निवेश करते है तो आप अपने पैसो को कई गुना तक बढ़ा सकते है।
अब यहाँ पर कई लोगो का सावल आता है की शेयर मार्केट में पैसा कैसे कमाए?
शेयर मार्केट या किस भी निवेश की सबसे रोचक बात ये है कि निवेश की गई राशि कंपाउंडिंग के हिसाब से रिटर्न प्रदान करते है। इसका तातपर्य ये है की तो किसी भी तरह के निवेश में कंपाउंडिंग के अनुसार रिटर्न की गणना की जाती है।
तो आइये जानते है कि कंपाउंडिंग का मतलब क्या होता है।
कंपाउंडिंग का तातपर्य है निवेश की हुई राशि में कमाया हुआ इंटरेस्ट भी आपके निवेश का हिस्सा बन जाता है जिससे आप भविष्य में कई गुना का रिटर्न प्राप्त कर सकते है।
उदाहरण के लिए अगर आपने 10,000 रुपये की राशि से निवेश किया जिस पर सालाना आपको 7% का रिटर्न प्राप्त होगा तो साल के अंत में कुल राशि:
= 10000 + (7% * 10000)
= 10,700
अब अगर आप इस राशि को नहीं निकलते हो तो अगले साल का इंटरेस्ट की गणना 10,000 रुपये पर नहीं बल्कि 10,700 रुपये पर की जाएगी।
Power of Compounding in Share Market in Hindi
शेयर बाजार में कंपाउंडिंग स किस तरह से आप ज़्यादा रिटर्न कमा सकते है उसके लिए शेयर मार्केट के गणित को समझते है।
मान लेते है कि आपने 1 लाख रुपये से शेयर मार्केट में 5 वर्ष के लिए इक्विटी (equity meaning in hindi) में निवेश किया है जिसमे औसत रिटर्न 12% प्रतिवर्ष है। कंपाउंडिंग की गणना के अनुसार आपका प्रति वर्ष का रिटर्न और 5 वर्ष के पश्चात मिलने वाला रिटर्न कुछ इस प्रकार होगा:
शेयर मार्केट निवेश में कम्पाउंडिंग की गणना निवेश राशि पहला वर्ष दूसरा वर्ष तीसरा वर्ष चौथा वर्ष पांचवा वर्ष 1,00,000 रुपये @ 12% रिटर्न ₹12,000 ₹13,440 ₹15,052.80 ₹16,859.04 ₹18,882.12 कुल राशि (निवेश + रिटर्न) ₹1,12,000 ₹1,25,440 ₹1,40,492 ₹1,57,351 ₹1,76,233.12
ऊपर टेबल में दी हुई गणना के अनुसार 1 लाख की निवेश राशि में 12% प्रतिवर्ष के रिटर्न की कंपाउंडिंग के आधार पर 5 वर्ष के अंत में एक निवेशक लगभग 76% रिटर्न प्राप्त कर सकता है।
तो अगर आप सोच रहे है की शेयर मार्केट में करोड़पति कैसे बने तो उसके लिए इस पावर ऑफ़ कंपाउंडिंग की जानकारी और सही गणना के अनुसार शेयर में निवेश करें।
अब ये कंपाउंडिंग से आप कितना गुना रिटर्न कमा सकते है वह कुछ तथ्यों पर निर्भर करता है:
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कंपाउंडिंग रेट
निवेश की गई राशि में औसत कितना प्रतिशत रिटर्न मिल रहा है उससे आप कंपाउंडिंग में मुनाफे की गणना कर सकते है। उदाहरण के लिए दो निवेशकों की निवेश और उसमे औसत रेट के अनुसार रिटर्न की गणना करते है:
ट्रेडर A जिसने 1,00,000 रुपये से इक्विटी में निवेश किया है जिसका औसत रिटर्न 10%, वही ट्रेडर B ने उतनी ही राशि से बैंक FD में निवेश किया है जिसमे 6% प्रति वर्ष के अनुसार रिटर्न प्राप्त होता है। वर्ष के अंत में ट्रेडर A को 10,000 का रिटर्न प्राप्त हुआ वही ट्रेडर B को 6,000 का रिटर्न कमाने का मौका मिला।
तो आपको निवेश आपको कितने कंपाउंड रेट के अनुसार रिटर्न दे रहा है उस पर आप भविष्य के रिटर्न की गणना कर सकते है।
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होल्डिंग पीरियड
कंपाउंडिंग रेट के साथ होल्डिंग पीरियड में भी निवेश की गयी राशि के रिटर्न की गणना करने में लाभदायक होती है। उदाहरण के लिए मान लेते है की दो ट्रेडर A और B ने 1,00,000 रुपये की राशि के साथ इक्विटी में निवेश किया जिसका औसत ROI 10% प्रति वर्ष का है।
लेकिन यहाँ पर A ने 3 और B ने 5 वर्ष के लिए निवेश किया। अब ऊपर बताये हुए गणना के हिसाब से A को लगभग 33% और B को 61% का मुनाफा होगा।
Compounding Tips in Hindi
कंपाउंडिंग क्या है और किस प्रकार इसकी मदद से अपने पैसो को बढ़ाना है उससे ज़्यादा ये जानना ज़रूरी है कि किस प्रकार इसका इस्तेमाल कर ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ पर उसके लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए है जो आपको मार्केट में निवेश करने और कंपाउंडिंग से पैसा बढ़ाने में मदद करेंगे:
- कम उम्र से निवेश करना शुरू करें
जितनी जल्दी आप निवेश करेंगे उतने ज़्यादा समय के लिए अपने निवेषिक राशि को होल्ड कर रिटर्न कमा पाएंगे। शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है लेकिन शुरुआत में आप निफ़्टी ५० या सेंसेक्स में से कंपनी का चयन कर सकते है। - अनुशासन
दूसरा ज़रूरी पहलू है अनुशासन, जिसके लिए निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य को निर्धारित करना बहुत आवश्यक होता है। इस तरह से निवेश करने में आप चाहे शुरुआत में ज़्यादा रिटर्न न प्राप्त कर पाए लेकिन निवेश करने की आदत को अपना लम्बे समय में एक अच्छे रिटर्न की अपेक्षा कर सकते है। - धैर्य रखे
बहुत से निवेशक मार्केट में निवेश बाद में करते है और रिटर्न की अपेक्षा उन्हें पहले होनी लगती है। लेकिन शेयर बाजार के नियम भी है, इसने भी धैर्य रखने वाले निवेशकों को कभी भी निराश नहीं किया है। तो इसका तातपर्य है की मार्केट में अगर एक सही लक्ष्य और राशि के साथ किसी कंपनी में आप निवेश करते है तो वह पर आपके धैर्य की भी परीक्षा होती है।अगर आप अपने निवेश की गयी राशि को बढ़ाना चाहते है तो उसके लिए आपको मार्केट को मौका भी देना होगा।
निष्कर्ष
वैसे तो निवेश करने के कई सारे विकल्प है और लगभग सभी निवेषिक विकल्प में कंपाउंडिंग के अनुसार पैसा कमाने का मौका मिलता है, लेकिन जब बात शेयर मार्केट की आती है तो वहां जोखिमों के साथ रिटर्न कमाने का मौका भी मिलता है।
यहाँ पर रिटर्न के साथ-साथ शेयर मार्केट टैक्स (share market income tax in hindi) की जानकारी होना भी काफी ज़रूरी है, क्योंकि मार्केट में जितना भी पैसा आप कमाते है उस पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाए जाते है।
तो अगली बार जब आप निवेश करने की सोचे तो एक सही विश्लेषण और मौजूदा ROI के अनुसार कंपाउंडिंग की गणना करना न भूले।
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