इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला

इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला

क्या आप जानते है की अलग-अलग ट्रेडिंग फॉर्मेट के लिए कुछ विशेष फॉर्मूला का उपयोग होता हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading in hindi) के लिए एक तरह का फॉर्मूला है जिसकी जानकारी आपको ट्रेड करने में मदद कर सकती है। तो आईये जानते है क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला। 

Intraday Trading Formula in Hindi

अगर आप भी सोच रहे की इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें तो उसके लिए आप एक सही फॉर्मूला का इस्तेमाल कर सकते है। 

इसमें अगर हम शेयर मार्केट के गणित को जाने तो काफी ऐसे फॉर्मूला है जो मार्केट ट्रेंड को देखने और उसे समझने में काफी लाभदायक होता है, जैसे की अगर हम स्टॉक मार्केट में सपोर्ट और रेजिस्टेंस को ही ले तो ये शेयर मार्केट में बारे में काफी जानकारी देता है।  हालांकि ये चार्ट की मदद से आसानी से समझा जा सकता है लेकिन अगर हम शुरूआती ट्रेडर की बात करे तो उनके लिए ये काफी मुश्किल होता है। 

लेकिन अगर आपको एक फॉर्मूला बता दिया जाए जिससे आप स्टॉक की गतिविधियों को उसकी फ्यूचर की चाल को समझ सकते है तो? अगर हम कहें के आपका टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis in Hindi) का काम बेहद आसान हो जाएगा, तो? 

खैर इससे बेहतर और क्या होगा की आप सही सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल की जानकारी प्राप्त कर ट्रेड कर सके। 

इसके लिए विशेष इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला का उपयोग होता है जो शेयर मार्केट डाटा के साथ होता है। 

इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला की बात करे तो ट्रेड करने के लिए ज़्यादातर दो तरह के फॉर्मूला इस्तेमाल किए जाते है, जिनका विवरण नीचे दिया गया है।  

  • पाईवोट पॉइंट फॉर्मूला
  • फ्रैक्शन थ्योरी फॉर्मूला

ये दोनों फॉर्मूला के उपयोग करने के लिए हमें स्टॉक के पिछले डाटा की जरुरत होती है। इससे ट्रेडर की पिछले डाटा की गणना के आधार पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस से मार्केट के फ्लो को समझने में आसानी होती है। 

1. पाईवोट पॉइंट थ्योरी 

यह काफी प्रभावी इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला है। इस फॉर्मूला से पिछले दिन के प्रदर्शन के आधार पर स्टॉक के गति का पूर्वानुमान लगता है। पिछले दिन के अनुमान से हमें तीन इनपुट डाटा का उपयोग करते हैं। 

  • पिछले ट्रेडिंग दिन के हाई प्राइस (H)
  • पिछले ट्रेडिंग दिन के लो प्राइस (L)
  • पिछले ट्रेडिंग दिन के क्लोजिंग प्राइस (C)

हमें इन तीनों प्राइस को जोड़ने की जरुरत होती है। 

H+L+C=X 

अब, X के वैल्यू को तीन से भाग (Divide) करना होता है। 

X/3 = P  जिसे पाईवोट पॉइंट थ्योरी (Pivot Point Theory) कहते हैं। 

उसके बाद P को दो से गुना करते हैं। 

P*2 = Y 

प्रथम रेजिस्टेंस स्तर (R1) = Y-L 

द्वितीय रेजिस्टेंस स्तर (R2) = P+(H-L)

उसी प्रकार हम सपोर्ट स्तर भी कैलकुलेट कर सकते हैं। 

प्रथम सपोर्ट स्तर = Y-H  

द्वितीय सपोर्ट स्तर =  P-(H-L)

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए Sun Pharmaceutical Industries Limited की पिछले दिन की  शेयर मार्केट डाटा 

के अनुसार 

H = 778.85
L =  746
C =  778

अब,     X = H+L+C 

778.85+746+778 = 2302 (लगभग) = X     

P = 2302/3 = 767 

Y =767*2 = 1534 

रेजिस्टेंस स्तर की गणना 

  • पहला रेजिस्टेंस स्तर (R1) =  788 
  • दूसरा रेजिस्टेंस स्टार (R2) = 799 

और सपोर्ट स्तर की गणना   

  • प्रथम सपोर्ट स्तर (S1) = 788 
  • द्वितीय सपोर्ट स्तर (S2) = 735  

पाईवोट पॉइंट फॉर्मूला को काफी काफी आसानी से उपयोग किया जा सकता है। इससे मार्किट ट्रेंड को निर्धारित करने में मदद मिलती है।    

ट्रेडर्स को पाईवोट पॉइंट थ्योरी से बाजार में कब प्रवेश करें और कब बाहर निकले के बारे में भी मदद मिलती है। 


2. फ्रैक्शन थ्योरी 

पाईवोट पॉइंट थ्योरी की तरह फ्रैक्शन थ्योरी (Fraction Theory) भी काफी प्रसिद्ध ट्रेडिंग फॉर्मूला है। इसमें भी पिछले दिन के स्टॉक के डाटा के आधार पर स्टॉक की गति का पता लगाया जाता है। 

फ्रैक्शन थ्योरी को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला इस प्रकार है। 

(H+L+C) * 0.67 = Y 

S = Y-H

R = Y-L

PB = Y – C 

इसमें रेजिस्टेंस और सपोर्ट के स्तर को भी पाईवोट पॉइंट थ्योरी की तरह ही कैलकुलेट किया जाता है। 

उदाहरण के तौर पर, Sun Tv Network की पिछले दिन की शेयर मार्केट डाटा इस प्रकार है। 

H = 540 

L =  516 

C = 539 

Y = (540+516+539)* 0.67 = 1068 

रेजिस्टेंस स्तर = 1068-516 = 552 

सपोर्ट स्तर = 1068-540 = 528 

PB = 1068-539 = 529  

फ्रैक्शन थ्योरी का उपयोग शेयर्स के पॉसिबल बॉय (PB) और उस उस दिन के रेजिस्टेंस को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। 


निष्कर्ष 

इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति पिछले दिन की के इनपुट के साथ ही वर्तमान के ट्रेडिंग सत्र पर भी निर्भर करता है। 

यदि आपके पास इंट्राडे ट्रेडिंग की जरुरी जानकारी है तब आप मार्केट ट्रेंड और अस्थिरता को समझने के लिए सही फॉर्मूला और अन्य पैरामीटर का उपयोग कर सकते हैं। 

इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्केट के ट्रेंड को समझने के लिए पाईवोट पॉइंट थ्योरी और फ्रैक्शन थ्योरी का उपयोग करते हैं और सही इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स का उपयोग कर अपने मुनाफे को बढ़ाए।

पाईवोट पॉइंट थ्योरी और फ्रैक्शन थ्योरी (ऊपर दिए हुए फॉर्मूला) से हिसाब करना काफी आसान है। 

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