स्टॉक मार्केट में शेयर के प्राइस और ट्रेंड की जानकारी के लिए कई तरह के इंडिकेटर मौजूद है, जिसमे से मूविंग एवरेज मार्केट के उतार-चढ़ाव को फ़िल्टर करने और प्राइस मूवमेंट को सुचारू करने का एक आसान और फायदेमंद इंडिकेटर है। आज इस लेख में हम moving average in hindi में इस इंडिकेटर के और किस तरह से इससे आप एक सही प्राइस में ट्रेड कर सकते के बारे में जानेंगे।
मूविंग एवरेज क्या है?
मविंग एवरेज एक तकनीकी इंडीकेटर है, जिसका उपयोग ट्रेडर्स और निवेशक किसी स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण (technical analysis in hindi) करने के लिए और ट्रेंड की दिशा का अनुमान लगाने के लिए उपयोग करते हैं। मूविंग एवरेज किसी भी स्टॉक या इंडेक्स के पिछले क्लोजिंग डेटा बिंदुओं का योग करता है और फिर एवरेज पर पहुंचने के लिए एक विशिष्ट समय अवधि में उन डेटा बिंदुओं की संख्या से कुल योग को विभाजित करता है।
यह ट्रेडर्स के बीच बहुत लोकप्रिय है क्योंकि यह वर्तमान ट्रेंड की दिशा निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
मूविंग एवरेज आपको किसी स्टॉक या इंडेक्स के पिछले प्राइस मूवमेंट का विश्लेषण करके सपोर्ट और रजिस्टेंस स्तर की जांच करने में सक्षम बनाता है।
यह ट्रेंड परिवर्तन जांचने का एक उपाय है जो किसी स्टॉक की पिछली प्राइस मूवमेंट का पता लगाता है, और संभावित भविष्य के पैटर्न को निर्धारित करने के लिए स्टॉक मार्केट गतिविधियों के इतिहास का विश्लेषण करता है। मूविंग एवरेज मुख्य रूप से एक लैगिंग इंडिकेटर है, जो कि इसे तकनीकी विश्लेषण का सबसे लोकप्रिय टूल में से एक बनाता है।
शेयर बाजार में मूविंग एवरेज की गणना करने के लिए एक निश्चित मात्रा में पिछले डेटा की आवश्यकता होती है, जो कि मूविंग एवरेज की लंबाई के आधार पर एक बड़ी मात्रा हो सकती है।
उदाहरण के लिए, बीस-दिवसीय ए मूविंग एवरेज के लिए बीस दिनों के डेटा की आवश्यकता होगी, जबकि एक साल का मूविंग एवरेज निकालने के लिए 365 दिनों के डेटा की आवश्यकता होगी। मूविंग एवरेज के लिए 200-दिन की अवधि आमतौर पर उपयोग की जाने वाली समय-सीमा में शामिल है।
मूविंग एवरेज प्रकार
भारतीय शेयर मार्केट में दो प्रकार के मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है जो इस प्रकार हैं:
- सिंपल मूविंग एवरेज (SMA)
- एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA)
दोनों ही मूविंग एवरेज आपको मार्केट के प्राइस ट्रेंड की जानकारी देते है, लेकिन अगर आपको नवीनतम वैल्यू और ट्रेंड की जानकारी लेनी है तो उसके लिए EMA ज़्यादा बेहतर विकल्प होता है।
1. सिंपल मूविंग एवरेज (SMA)
SMA सबसे सिंपल मूविंग एवरेज है जो हाल ही के डेटा बिंदुओं को सेट करके और फिर कुल योग को समय अवधि की संख्या से विभाजित करके प्राप्त किया जा सकता है।
सिंपल मूविंग एवरेज इंडीकेटर का उपयोग ट्रेडर्स के लिए स्टॉक में प्रवेश करने या बाहर निकलने के लिए सिग्नल देने का काम करता है।
सिंपल मूविंग एवरेज एक लैगिंग इंडिकेटर है क्योंकि यह किसी निश्चित अवधि के लिए पिछले प्राइस डेटा पर आधारित होता है जिसे विभिन्न प्रकार की प्राइस जैसे हाई, लॉ, ऑपन और क्लॉज के लिए गणना की जा सकती है।
ट्रेडर इस इंडीकेटर का उपयोग शेयरो की खरीद, बिक्री के लिए सिग्नल को निर्धारित करने के लिए कर सकते हैं और ये सपोर्ट और रजिस्टेंस एरीया की पहचान करने में भी काफी मदद करता हैं।
उदाहरण के लिए, एक स्टॉक मार्केट ट्रेडर पिछले पांच दिनों की क्लोजिंग प्राइस लेकर स्टॉक के लिए सिंपल मूविंग एवरेज की गणना करना चाहता है।
पिछले पांच दिनों के लिए क्लोजिंग प्राइस: 20 रुपये, 22 रुपये, 19 रुपये, 21 रुपये और 25 रुपये।
अव सिंपल मूविंग एवरेज की गणना इस प्रकार है:
सिंपल मूविंग एवरेज = (20 रुपये + 22 रुपये + 19 रुपये + 21 रुपये + 25 रुपये)/ 5 (नंवर ऑफ डेज)
सिंपल मूविंग एवरेज = रु.21.4
इसका इस्तेमाल कर अब आप किस तरह से ट्रेडिंग निर्णेय ले सकते है?
अब अगर स्टॉक का प्राइस अपने पिछले 5 दिनों के प्राइस के अनुसार कम चल रहा है तो ये डाउनट्रेंड का सिग्नल देता है, दूसरी ओर 21.4 से ऊपर प्राइस अपट्रेंड का संकेत देता है।
2. एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA)
EMA एक अन्य प्रकार का मूविंग एवरेज है जो सबसे हाल ही के प्राइस बिंदुओं को अधिक महत्व देता है और इसे हाल ही के डेटा बिंदुओं के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है।
SMA की तुलना में EMA हाल ही के प्राइस परिवर्तन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील होता है क्योंकि यह दी गई विशिष्ट अवधि में सभी प्राइस परिवर्तनों के लिए समान भार लागू करता है।
जब एक ट्रेडर एसएमए और ईएमए को जोड़ता है और इस दोनो इंडीकेटर्स को प्लॉट करता है, तो उन्हें पता चलता है कि ईएमए अधिक सटीक है और प्राइस परिवर्तनों के लिए जल्दी से रेस्पोंस करता है।
ईएमए इंडीकेटर की गणना करते समय तीन चरण शामिल होते हैं:
सबसे पहले, हमें एक विशिष्ट अवधि के लिए सिंपल मूविंग एवरेज की गणना करनी होती है।
फिर हमें एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज को निकालने के लिए गुणक की गणना करने की आवश्यकता होती है।
अंतिम चरण में प्राइस, गुणक और पिछली अवधि के ईएमए प्राइस का उपयोग करते हुए, प्रारंभिक ईएमए से सबसे हाल की समयावधि तक की अवधि लेकर वर्तमान ईएमए की गणना की जाती है। इसका सूत्र इस प्रकार है:
वर्तमान ईएमए = [क्लॉजिंग प्राइस – ईएमए (पिछला समय अवधि)] x गुणक + ईएमए (पिछला समय अवधि)
मूविंग एवरेज का उपयोग कैसे करे?
बहुत से स्टॉक मार्केट ट्रेडर स्टॉक खरीदने के लिए मूविंग एवरेज का उपयोग करते है, लेकिन किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले हम विशेष स्टॉक प्राइस के ट्रेंड को जानना चाहिए, तभी हम लाभ की दिशा में अपना कदम बढ़ा सकते है।
ट्रेडर्स अपने शेयर मार्केट चार्ट पर सिंगल मूविंग एवरेज इंडीकेटर प्लॉट करके ऐसा कर सकते हैं। यदि किसी विशेष स्टॉक की प्राइस मूविंग एवरेज से ऊपर जाती है, तो इसका मतलब है कि वह स्टॉक अपट्रेंड में है।
दूसरी ओर, यदि किसी विशेष स्टॉक की प्राइस मूविंग एवरेज लाईन से नीचे चल रही है, तो यह एक संकेत है कि वह स्टॉक डाउनट्रेंड में है।
इस प्रकार, ट्रेडर एक मूविंग ऐवरेज प्लॉट करने के बजाय एक साथ कई मूविंग ऐवरेज प्लॉट करता सकता है जिससे उसे स्टॉक के ट्रेंड को वेहतर समझने में मदद मिलेगी।
मूविंग एवरेज के क्रम के आधार पर, कई मूविंग ग्राफ़ को प्लॉट करने से उन्हें स्पष्ट संकेत मिलते है कि स्टॉक ऊपर की ओर जायेगा या नीचे की ओर।
एक ट्रेडर ट्रेंड लाइन पर अपने मार्केट ज्ञान के साथ मूविंग एवरेज को जोड़ सकता है और ये यह तय कर सकता है कि किसी विशेष स्टॉक पर लॉन्ग या शॉर्ट जाना है या नहीं।
मूविंग एवरेज का उपयोग क्यों करें?
शेयर मार्केट में मूविंग एवरेज का महत्व समझना सभी ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण है। बहुत से विशेषज्ञ खरीद और बिक्री के निर्णय लेने में मूविंग एवरेज का उपयोग करते हैं।
अधिकांश ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जो ऐप-आधारित हैं, और जो एक चार्ट का विकल्प देते है वह जो सभी में आपको मूविंग एवरेज इंडीकेटर मिल जायेगा।
ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से एक ट्रेडर को स्टॉक खरीदने के लिए मूविंग एवरेज का उपयोग करना चाहिए। प्रमुख कारणों में से एक यह है कि ट्रेडर्स मूविंग एवरेज की मदद से किसी भी स्टॉक का ट्रेड आसानी से समझ जाते है।
ट्रेडर्स के अलावा निवेशक भी मूविंग एवरेज का इस्तेमाल लॉन्गटर्म ट्रेंड को समझने के लिए करते है।
एक ट्रेडर, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किसी भी विशेष शेयर के उतार-चढ़ाव को जानने के लिए 5-दिवसीय मूविंग एवरेज या 10- मूविंग एवरेज का चयन कर सकता है। ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप कितने दिन का मूविंग एवरेज लगाना चाहते है।
यहां आपको एक बात जो याद रखने ही वह ये है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे है तो कम दिवसीय मूविंग एवरेज का उपयोग करे और जैसे –जैसे आप स्विंग ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग, इन्वेस्टिंग पर बढ़ते जाए उसी के अनुसार मूविंग एवरेज में दिनो की संख्या बढाते जाए।
यदि कोई ट्रेडर ग्राफ में मूविंग ऐवरेज लाईन को ऊपर की ओर मूवमेंट करते हुये देखता है, तो इसका मतलब है कि प्राइस बढ़ रही हैं, और यदि ट्रेडर चार्ट में मूविंग ऐवरेज लाईन को नीचे की ओर मूबमेंट करते हुये देखता है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक की प्राइस नीचे जा रही है। और अगर मूविंग ऐवरेज लाईन लगभग प्राइस के बराबर चल रही है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक की प्राइस एक साईडवेज ट्रेंड में है।
इस प्रकार भारतीय शेयर मार्केट में, बहुत से ट्रेडर्स द्वारा मूविंग ऐवरेज का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है क्योंकि यह हमें किसी विशेष स्टॉक के प्रदर्शन को समझने में हमारी हेल्प करता है।
मूविंग ऐवरेज का उपयोग करने से ट्रेडर्स को सही समय पर स्टॉक खरीदने में मदद मिलती है, जिसकी वजह से उनका निर्णय लाभदायक साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
मूविंग ऐवरेज एक बहुत ही पॉपुलर इंडीकेटर है, अभी तक आप समझ गए होंगे कि मूविंग ऐवरेज क्या है और कैसे काम करता है लेकिन फिर भी ये एक इंडीकेटर है जो हमेशा सही नही होता है। इसलिए इसे इस्तेमाल करने से पहले वेक्टेस्ट करे और उसके रिजल्ट के आधार पर आप मूविंग ऐवरेज का इस्तेमाल कर सकते है।
किसी विशिष्ट स्टॉक का मूविंग ऐवरेज विश्लेषण करके, ट्रेडर अपने लाभ को बुक करने के लिए ट्रेंड या मूवमेंट देख सकते हैं।
फिर भी, इस इंडीकेटर का उपयोग करने से पहले, मूविंग एवरेज का उपयोग करने में शामिल सभी जोखिमों को जानना चाहिए। क्योंकि जब तक आप जोकिम को सही से नही समझेंगे तो मूविंग ऐवरेज ही क्या दुनिया का कोई भी इंडीकेटर आपको लाभ कमाने में मदद नही कर सकता है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के लिए इस तरह के इंडिकेटर की जानकारी होना काफी आवश्यक है जिसके लिए आप स्टॉक मार्केट कोर्स ले सकते है।
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